
यह लेख किसी ख्यातनाम पत्रकार का नहीं है, बल्कि उस डॉक्टर की डायरी के कुछ हिस्से है, जो उसने दिल्ली के आयुर्विज्ञान संस्थान में उन दो दिनों के दौरान लिखे, जब पूरा दिल्ली जल रहा था…..! बुधवार 31 अक्टूबर को दिन में ग्यारह बजे सिटी बस में बैठ कर स्टेशन जा रहा था अपना स्कूटर लाने के लिए। […]