
कुछ वर्ष पूर्व दिसंबर की गुनगुनी ठंड में हम तीन मित्र परिवारों ने जोधपुर से जैसलमेर और आगे तक की यात्रा की थी। पुराने किलो, महलों, हवेलियों, और राजस्थानी लोक संस्कृति के अतिरिक्त रेगिस्तान देखने का कौतूहल था। मन में एक छवि थी जो पत्रिकाओं, लेखों, फिल्मों आदि से बनी थी। दूर तक विरान, सुनसान, सूखा, भुरा दृश्य और एक के बाद एक […]