होम
लिंक कॉपी की गई हैंनमस्ते, आपका स्वागत हैं
इस जाल स्थल (वेब साइट) “न्यूरो ज्ञान” पर आपका स्वागत हैं।
“इंटरनेट पर ज्ञान या बात आकाश में तिरोहित हो जाते हैं।” ऐसा कहा एक हिंदी लेखक ने| क्या सच में पुरानी आदतों के चलते, छपे-लिखे को कागज पर पढ़ना आसान प्रतीत होता है? पुस्तक या पत्रिका या अखबार की सशरीर उपस्थिति हमें भरोसा दिलाती है कि माध्यम व संदेश दोनों क्षणभंगुर या वायव्य नहीं है। इंटरनेट को लेकर ऐसा सुभीता और विश्वास अभी नहीं विकसित हुआ है। हिंदी व भारतीय भाषाओं में तो बहुत ही कम। जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए। विश्वव्यापी संजाल (www – वर्ल्ड वाईड वेब) की यह दुनिया नितांत वास्तविक है। उसकी पहुंच, उपयोगिता और प्रभाव बढ़ना ही है।
एक न्यूरोलॉजिस्ट और बहुविध विषयों के अध्येता के रूप में मैंने महसूस किया कि मैं अपने ज्ञान, विचार व अन्य गतिविधियों की जानकारी एक जालस्थल (वेबसाइट) पर मुहैया करा सकता हूं। इसके पीछे निहित विचारों, भावनाओं, कल्पनाओं और योजनाओं को आप एक अन्य लेख में पाएंगे। “मेरा मानस”।
वैसे तो इस वेबसाइट का नाम ‘न्यूरोज्ञान’ है फिर भी यहाँ मेरे अन्य आलेख (जिनका न्यूरोलॉजी विज्ञान से कोई संबंध न हो) यहां उपलब्ध है। इसमें निबंध, कथा, यात्रा वर्णन, पत्राचार आदि शामिल है। किसी भी ज्ञान की निष्पत्ति चूँकि अततः मस्तिष्क में ही होती है, इसलिए “सबैज्ञान-न्यूरोज्ञान” ।
हमारा मस्तिष्क (ब्रेन/दिमाग) शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारी पहचान हमारे सिर के अन्दर स्थित दिमाग से होती हैं। मस्तिष्क में किन्हीं खराबियों के कारण अनेक न्यूरोलॉजिकल रोग होते हैं जो बहुत कॉमन हैं और बड़ी संख्या में लोगों को होते हैं। न्यूरोविज्ञान (न्यूरोसाइंस) के बारे में जानना बहुत रोचक और महत्वपूर्ण हैं। हिंदी में वैज्ञानिक विषयों पर विशेष रूप से न्यूरोलॉजी के बारे में प्रमाणिक व आधुनिक ज्ञान पर्याप्त रूप में उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य हैं।
हमारी वेबसाइट की भाषा ना तो अत्यंत कठिन है, ना अत्यंत सरल। 12वीं कक्षा तक पढ़ा नागरिक भली-भांति इन लेखों को आसानी से समझ पाएगा।
अपनी बात के विभिन्न वीडियोंस देखने के लिये यहाँ क्लिक करें
न्यूरोज्ञान के विभिन्न खंड
स्थिर चित्र संग्रह : –
वेबसाइट के गृह पृष्ठ के उपरी बायें भाग में अनेक Still Images (स्थिर चित्र) के संग्रह में से एक एक करके चित्र बदलते हैं, जिन पर कर्सर ले जाने से शीर्षक दिखता है और किन्ही किन्हीं में क्लिक करने पर सम्बंधित लेख खुलता है।
वीडियो संग्रह :-
वेबसाइट के गृह पृष्ठ के उपरी दायें भाग में अनेक लघु वीडियों के संग्रह में से एक एक करके वीडियो बदलते हैं , जिन पर कर्सर ले जाने से शीर्षक दिखता है और किन्ही किन्हीं में क्लिक करने पर सम्बंधित लेख खुलता है।
उक्तियाँ :-
वेबसाइट के गृह पृष्ठ के ऊपरी मध्य भाग में अनेक उक्तियों (Quotations) के संग्रह में से एक एक करके अनेक उक्तियाँ बदलती है और इस क्लिक करने पर एक उक्ति संग्रह खुल जाता है।
अपनी बात :-
वेब साईट के गृह पृष्ठ के मध्य भाग में बायीं तरफ डॉ. अपूर्व पौराणिक के लघु वीडियों व्यक्तव्यों के संग्रह में से एक एक करके नयें-पुराने वीडियों(एक-दो मिनिट के ) को देखा सुना जा सकता है।
न्यूरोलॉजी शीर्षक के अन्दर छः उपशीर्षक है :-
- न्यूरोलॉजी क्या है?
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के लक्षण (Symptoms)
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का निदान – प्रयोगशाला जांचें
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का एक एक करके वर्णन
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के उपचार की विधियाँ
- न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का सामुदायिक बोझ
चिट्ठा संसार :-
डॉ. अपूर्व पौराणिक द्वारा पढ़ने के अध्ययन करने के, लिखने के और बोलने के विषयों की सूचि लम्बी और विविध है। न्यूरोलॉजी आपका मूल विषय है। उसके परे अनेक सब्जेक्ट्स पर डॉ पौराणिक समय समय पर लिखते रहे है। उनमें से अनेक आलेख यहाँ ब्लाग्स के रूप में दिये जा रहे है। ये पुराने है, नए हैं, लघु या विस्तृत है, हिंदी व अंग्रेजी में है, कुछ सरल हैं, कुछ उच्च स्तर के है।
A. विज्ञान / Science
B. चिकित्सा शिक्षा/Medical Education
C. चिकित्सा विज्ञान, चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था/Medical science, medical education and health system
D. न्यूरोविज्ञान/Neuroscience
E. समाज विज्ञान / राजनीती/Social science & Politics
F. हिंदी एवं अन्य भाषाएं/Hindi & other Languages
G. रिलिजन/Religion
H. यात्रा का वर्णन/Travelogues
I. पत्राचार/Letter by Dr. Apoorva Pauranik
J. डायरी अंश / भाषण अंश
K. अन्य बीमारियाँ
मरीज कथाएँ :-
मरीज कथाए या क्लिनिकल टेल्स, साहित्य की एक विशिष्ठ विधा है । जिसमें एक या अधिक रोगों के साथ जिंदगी गुजारने वालों की दास्ता बयां होती है । यूँ तो पुरे विश्व साहित्य में किसी न किसी पात्र में, कहानी के किसी न किसी दौर में, कोई न कोई बिमारी का उल्लेख आ सकता है । ये रोग गंभीर, जानलेवा, पीडा दायक और विकलांगताकारी हो सकते है ।
Clinical Tales में पात्रो के अनुभव, दु:ख दर्द, संघर्ष, जय-पराजय, तपिश, सहनशीलता, दार्शनिकता, नियति की स्विकार्यता और उस के अनुरुप स्वयं को ढालने के हालातों का वर्णन होता है । अनेक रोग इंसान के चरित्र व पह्चान (Identity) को बदल देते है । जानने वाले कह्ते है “अब वह, पहले वाला वह नही है।”
हमसे पूछिए :-
इस वेबसाइट (जालस्थल) को एकमार्गीय होने से बचाने की कोशिश की गई है। एकमार्गीय का अर्थ है सिर्फ ‘प्रस्तोता से पाठकों की दिशा में’। भेंटकर्ताओं, पाठकों, सदस्य आदि से विपरीत दिशा में प्रवाह के कुछ द्वार खुले हैं। हमसे पूछियें में आपकी टिप्पणियों, सुझावों और प्रश्नों का स्वागत है। यदि आप चाहें तो अपने नाम को गुप्त रखते हुए केवल अपना प्रश्न या टिपण्णी यहां प्रस्तुत कर सकते हैं या यदि इच्छा हो कि अन्य सभी लोग उसे पढ़ पाए तथा प्रतिक्रिया व्यक्त कर पाए तो उसे सूचनापट्ट(बुलेटिन बोर्ड) पर छोड़ सकते हैं।
वाचाघात अफेज़िया :-
मस्तिष्क रोगों में व्यक्ति की भाषा-संवाद, उच्चारण, कथन – सुनकर समझना, पढना, पढ़कर समझना, लिखना-आदि का कौशल कम हो जाता है। इस अवस्था के निदान, उपचार, शिक्षा, जागरूकता और पैरवी से सम्बंधित सामग्री
शोध का सीमांत :-
शिक्षा, जागरूकता और पैरवी से सम्बंधित सामग्री उक्त स्तम्भ में न्यूरोलॉजी व विज्ञान की अन्य शाखाओं से सबंधित नूतन रिसर्च के समाचार आते रहेंगे।
पुस्तक उल्लेख व समीक्षा :-
इस खंड में इस वेबसाइट के मेजबान (डॉ अपूर्व पुराणिक) द्वारा पढ़ी गई और सराही गई पुस्तकों के बारे में संक्षिप्त टिप्पणीयाँ हैं। इनका विषय न्यूरोलॉजी के साथ कुछ अन्य भी हो सकता है। ना पढ़ी गई परंतु उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर मरीजों के लिए उपयोगी समझी गई पुस्तकों की सूची भी दी गई है।
विज्ञान और मानविकी :-
डॉ. अपूर्व पौराणिक की मान्यता है कि विज्ञान और मानविकी दो विपरीत ध्रुवों के समान एक दूसरे विरोधी नहीं है, बल्कि रथ के दो पहियों के रूप में पूरक हैं। विज्ञान के छात्रों को मानविकी का परिचय और कला के छात्रों को विज्ञान का परिचय होना आवश्यक है
पिटारा :-
पिटारा में हैं मुंबई की भेल-पुरी या कोलकाता की झाल-मुरी या इंदौर का सेव-मिक्श्चर| या हमारी सीधी सादी खिचड़ी| छोटी मोटी बातें| इधर उधर के चर्चें| कुछ रोचक तथ्य| तितर बितर सी बातें जिनमें एक अद्रश्य तारतम्य हैं| मूल उद्देश्य वही हैं: न्यूरोलॉजी तथा सबै-ज्ञान – न्यूरोज्ञान में इजाफ़ा करना हैं| उस हेतु आप भेंटकर्ताओं को यहाँ आकर्षित करना, बांधे रखना|
महत्वपूर्ण खंड :-
अंग्रेजी शब्द Trivia का भावार्थ यूँ तो कोई बहुत अच्छा नहीं हैं – Bits of Information of Little Consequence. कम महत्व की छुट-पुट जानकारियाँ|
हिन्दी में ‘नगण्य’ या ‘तुच्छ’|
इसके बावज़ूद पत्रकारिता, साहित्य और क्विज़ की दुनिया में त्रिविया (Trivia) का एक ख़ास स्थान हैं| यह चिल्लर के समान हैं| न जाने कब, कहाँ, कैसे काम आ जावे| जोड़ जोड़ कर रखों तो बड़ी बात बना देवे| यदि कोई गूगल पर ढूंडे – Some good trivia topics – तो ढेर सारे मिल जायेंगे|
ब. हंसी ठिठोली
न्यूरोलॉजी व हास्य से सम्बंधित अनेक पहलू, अनेक सामग्री, यहाँ सहेजे जा रहे हैं| जैसे कि चुटकुले, one Liners, कार्टून्स, मनोरंजक घटनायें, व्यंग आदि|
स. उक्तियाँ
पारिभाषिक शब्दावली :-
इस खंड में अंग्रेजी तकनीकी शब्दों के हिंदी पर्यायवाची अर्थ दिए गए हैं। इन्हें दोनों भाषाओं के वर्णमाला क्रम से जमाया गया है। हमारे दृढ़ मान्यता है कि हिंदी में चिकित्सा विज्ञान के जटिल तथ्यों, सिद्धांतों और परिकल्पना को अभिव्यक्त करने की पर्याप्त क्षमता है। हिंदी में विज्ञान इसलिए कठिन प्रतीत होता है कि हमने उस स्तर की भाषा न सीखी, न काम में लाई।
मल्टीमीडिया (दृश्य-श्रव्य) :-
यह खण्ड एक खजाना है जिसमे अनेक प्रकार के फोटो एल्बम, कला कृतियाँ, पेंटिंग्स, स्केचेस, संग्रहित किये गए हैं, जो तंत्रिका तंत्र के विभिन्न भागों जैसे मस्तिष्क, मेरु तंत्रिका, नाड़ियाँ आदि की रचना व कार्य विधि समझाने वाले हैं। न्यूरोलॉजी व कला के बीच गहरे अन्तरसंबंधों पर अनेक कृतियां हैं। जन स्वास्थ्य, मरीज़ शिक्षा तथा स्वास्थ्य कर्मियों की शिक्षा हेतु पोस्टर व कार्टून होंगे। इन्हीं उद्देश्यों के लिए अनेक एनिमेशन तथा वीडियो का संग्रह भी उपलब्ध होगा। स्वास्थ्य संदेशों के प्रसार हेतु नारो (स्लोगन) या सूत्र वाक्यों की एक बड़ी श्रृंखला तैयार की जा रही है। डॉ. अपूर्व पौराणिक और अन्य मेजबानों की गतिविधियाँ समाचारों से सम्बंधित प्रेस कटिंग्स यहाँ मिलेगी ।
टिपण्णी :-
यह वेबसाइट आपको कैसी लगी? आपने कौन-कौन से खण्ड देखे और कितने विस्तार से देखे? आपको क्या अच्छा लगा और क्या कम अच्छा लगा? कौन-सी विषयवस्तु छूट गई या कम प्रतीत हुई? क्या इसमें कोई तथ्यात्मक गलतियाँ मिली? बेझिझक ईमानदार समालोचना कीजिये। यूं हमें तारीफ से भी कोई तकलीफ नहीं है। इसे बहतर बनाने हेतु सुझाव दीजिये। हमसे आप क्या पूछ सकते हैं? व्यक्तिगत परामर्श नहीं। यह मत बताइये कि मुझे या मेरे घर में किसी को फलां-फलां तकलीफ है और आप इलाज बता दो। (This is not a place for personal consultation.) आप पूछ सकते हैं – सबकी रुचि के ऐसे प्रश्न जिनका उत्तर पढ़ कर बाकि पाठकों का ज्ञान और समझ बढ़ें। अखबारों या मीडिया में कभी-कभी समाचार छपते हैं जो पाठकों के मन में कौतुहल व प्रश्न पैदा करते हैं। हम उनका उत्तर देने की कोशिश करेंगे।
बूझो न्यूरो क्विज़ :-
पाठक, श्रोता,दर्शक या भेंटकर्ता यदि न्यूरोलॉजी विषय में अपने ज्ञान का आत्मपरिक्षण करना चाहते हैं तो अनेक प्रश्नों का उत्तर देकर प्राप्तांक और सही उत्तर जान सकते हैं। बूझो न्यूरो क्विज़ में समय समय पर मासिक प्रतियोगिताएं होंगी तथा पुरूस्कार जीते जा सकेंगे ।
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.bujho_quiz.www.twa&pcampaignid=web_share
एप डाउनलोड करें
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.bujho_quiz.www.twa
इस वेबसाइट(जालस्थल) के मुख्य और सहयोगी मेजबानों का परिचय उपलब्ध है।
मेरी बिरादरी (My Community) :-
विभिन्न रोगों पर आधारित मरीज सहायता समूहों (Patient Support Group) के द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों की सूचना है जो समय के साथ अद्यतन रखी जावेगी। अलग-अलग न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से ग्रस्त मरीज, उसके परिजन तथा हितेषी इस वेबसाइट के माध्यम से अनेक काम कर सकते हैं: जैसे कि अपने पृथक समूह बनाना, सदस्य संख्या बढ़ाना, संपर्क की जानकारी उजागर रखना, अनुभवों को साझा करना, आगे के कार्यक्रमों की योजना बनाना, स्वयं के हितों की रक्षा हेतु नेतृत्व की पहल करना, एक दूसरे की मदद करना आदि। बहु प्रतीक्षित इस खंड पर कार्य किया जा रहा हैं, जल्द ही यह सारी सुविधाओं के साथ आपके लिए उपलब्ध होगा।
गतिविधियाँ / Events :-
डॉ. अपूर्व पौराणिक और उनकी टीम द्वारा समय-समय पर अनेक गतिविधियां संचालित करी जाती है तथा अनेकों में भागीदारी होती है। हाल ही में संपन्न हुए तथा भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी के लिए दाई और के स्क्रोलिंग कॉलम को क्लिक करें।
अतिथि लेखक का स्वागत है :-
न्यूरो ज्ञान वेबसाइट पर कलेवर की विविधता और सम्रद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अतिथि लेखकों का स्वागत हैं | कृपया इस वेबसाईट की प्रकृति और दायरे के अनुरूप अपने मौलिक एवं अप्रकाशित लेख लिख भेजिए, जो कि इन्टरनेट या अन्य स्त्रोतों से नक़ल न किये गए हो
<< नवीनतम >>
<< अन्य महत्वपूर्ण लेख >>

हरा भरा रेगिस्तान : सोनोरन
कुछ वर्ष पूर्व दिसंबर की गुनगुनी ठंड में हम तीन मित्र परिवारों ने जोधपुर से जैसलमेर और आगे तक की…
विस्तार में पढ़िए

Sydney – 1996
Cosmopolital है। अर्थात् अलग-अलग जाति, धर्म या देश के लोगों के चेहरे यहां देखे जाते हैं। चीन, जापान पूर्वी एशिया…
विस्तार में पढ़िए

फोटो एल्बम (Photo Album)
भूमिका युगल पुरूस्कार समारोह 2021 बुकमार्क्स के बहुविध उपयोग (Multiple uses of BookMarks) दृष्टि भ्रम / Visual Illusion पैरवी / …
विस्तार में पढ़िए

चिकित्सा विज्ञान और चिकित्सा व्यवस्था
Medical science and health system डॉ. अपूर्व पौराणिक द्वारा चिकित्सा से सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों पर लिखे गए/लिखे जाने वाले लेख…
विस्तार में पढ़िए
विभिन्न बीमारियों पर आधारित महत्वपूर्ण लेख >>

मानसिक दुर्बलता (Mental Retardation)
बुद्धि और वाणी मनुष्य को अन्य प्राणियों से भिन्न करते हैं। इन क्षमताओं का विकास एक जटिल प्रक्रिया है। यह…
विस्तार में पढ़िए

मिर्गी के बड़े दौरे की प्राथमिक चिकित्सा
>>घबराएँ नहीं, हिम्मत बनाए रखें, मदद के लिये पुकारें परन्तु बदहवास से चीखें, चिल्लाएँ नहीं | ये दौरे दिखने में…
विस्तार में पढ़िए

बुखारी दौरे (Febrile Convulsions)
नन्हें शिशुओं और छोटे बच्चों (६ वर्ष से कम) में बुखार के दौरान आने वाले झटकों, अकडन और बेहोशी के…
विस्तार में पढ़िए

सिर की चोट (Head Injury)
सिर की चोट एक घातक, गम्भीर और बहुव्याप्त समस्या है। सड़क दुर्घटनाओं व अन्य हादसों में प्रतिवर्ष लाखों लोग इसका…
विस्तार में पढ़िए

न्यूरोसर्जरी का इतिहास
इन्सान की खोपड़ी के ऊपर से चमड़ी की मोटी परत को छीलकर उतारने और उसके नीचे स्थित चिकनी कपाल की…
विस्तार में पढ़िए

मिर्गी सामान्य जानकारी
सब लोगों को मिर्गी के बारे में खास-खास और सच्ची बातें जानना चाहिये । क्योंकि यब बीमारी बहुत से लोगों…
विस्तार में पढ़िए

वेरिकोस वेन्स (Varicose Veins)
रक्त नली से संबंधित न कि नसों से संबंधित हमारे शरीर में दो तरह की रक्त नलियाँ होती हैं, धमनियाँ…
विस्तार में पढ़िए

मायोपैथी-मांसपेशी रोग (Myopathy – Muscle Disease)
मायोपैथी एक तंत्रिका-पेशीय (न्यूरोमस्क्यूलर) बीमारी है, जिसमें मांस-पेशियों के रेशे (फाइबर) अपना सामान्य कार्य करना बंद कर देते हैं ।…
विस्तार में पढ़िए

रोकथाम/Prevention
उपचार से रोकथाम बेहतर है । Prevention is better than cure इस जुमले को बार-बार सुन कर चाहे बोर हो…
विस्तार में पढ़िए

मिर्गी के लिये शोध की विधियाँ
प्राणियों में अनेक प्रयोग किये गये हैं जो पढ़ने-सुनने में शायद कुछ पाठकों को अच्छे न लगें। परंतु वैज्ञानिक खोजों…
विस्तार में पढ़िए
कुछ रोचक मरीज़ कथाएँ >>

भूत पांव
सुदर्शन, 66 वर्ष ने जब मेरे चैम्बर में प्रवेश करा तो उसकी चाल में थोड़ी सी लचक थी । मैंने…
विस्तार में पढ़िए

जानूँ कि न जानूँ
62 बरस की जानकी बाई घूंघट में अपने साथ में पति, जेठ और सास के साथ आई थी। जेठ ने बात शुरू…
विस्तार में पढ़िए

चेहरा ये खो जायेगा
जाने पहचाने अजनबी डॉक्टर्स की मीटिंग में सैंकड़ों लोगों से मिलना हो रहा है । “नमस्ते सर ! आप कैसे…
विस्तार में पढ़िए

प्रति सेकण्ड दस बार – कम्पन
देवादित्य सक्सेना (69 वर्ष) को आज भी याद है, हाथों के कम्पन पर उनका ध्यान पहली बार हा गया कि | शायद दस…
विस्तार में पढ़िए

डॉक्टर मरीज़ संवाद – रोग की कहानी जानने की कला
डॉक्टर्स का माइंड कैसे काम करता है?एम. वाय. अस्पताल की मेरी न्युरोलोजी ओपीडी में बहुत भीड़ रहने लगी थी, इसलिये…
विस्तार में पढ़िए

पैसा पैसा पैसा
श्रीचंद्रजी अग्रवाल की माणकचौक में मिठाई की पुरातन दुकान थी। उनकी बड़ी साख थी। ऊंची दुकान, ऊंचा पकवान | दाम एक दम सही| माल…
विस्तार में पढ़िए

लड़की आँख मारे
प्रथम वर्ष की छात्रा विभा की ख्याति, कालेज में जल्दी फैल गई थी। बेहद सुन्दर थी, अमीर घराने की थी, एक से एक…
विस्तार में पढ़िए

माँ यह हंसने का समय नहीं है
“है भगवान, मैंने पहले ही कहा था, वही हुआ, माँ को नहीं लाना चाहिए था, वो हंस रही है, मैं…
विस्तार में पढ़िए

अंदर कोई है क्या ?
मूल कहानी “अंदर कोई है क्या?” का अंग्रेजी में अनुवाद “Dadi” इसी कहानी के अंत में दिया गया है ।…
विस्तार में पढ़िए
कुछ महत्वपूर्ण लेख >>

न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का निदान (Diagnosis)
सभी प्रकार के रोगों के निदान (डायग्नोसिस) में निम्न पायदान होती है (i) हिस्ट्री History (इतिवृत्त) मरीज और उनके घरवालों…
विस्तार में पढ़िए


हिंदी के मूर्धन्य अग्रणी साहित्यकार आदरणीय श्री कमलेश्वर जी से डॉ. अपूर्व पौराणिक की खास बातचीत
डॉ. पौराणिक:- हिंदी साहित्य के लगभग पिछली एक आधी शताब्दी के इतिहास में मूर्धन्य नाम श्री कमलेश्वर। हिंदी की कथा…
विस्तार में पढ़िए

पी.ई.टी. – पॉजिट्रान ईमिशन टोमोग्राफी
पी.ई.टी. का आविष्कार लगभग 20 से 30 वर्ष पहले हुआ था, लेकिन यह उतनी अधिक लोकप्रिय और उपयोगी नहीं हो…