
पुरानी संस्कृत कहावत है- यथा राजा, तथा प्रजा। जैसा राजा, वैसी जनता। जैसे नेतृत्व, वैसे लोग। गांधी तिलक और सुभाष जैसे नेता जब थे, तो देश उनके पीछे चल पड़ा था। मर मिटने की भावना थी। त्याग था। आदर्श थे। गुलामी से मुक्ति दिलाई थी। और आज के नेता- आया राम, गया राम। बोफार्स काण्ड। चारा काण्ड। यूरिया काण्ड। कैसे-कैसे […]