जब भी कोई मरीज और उसके परिजन डॉक्टर के पास दिखाने हेतु आते हैं, तो डॉक्टर हिस्ट्री लेता है, बीमारी का इतिहास पूछता है, बीमारी का वर्णन सुनता है, फिर शरीर की जांच करता है, फिजिकल एग्जामिनेशन करता है, पुराने पेपर देखता है और फिर कई बार या प्रायः वह कोई ना कोई जांच करवाने […]
यह खंड हैं : न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का निदान
शारीरिक जांच (Physical Examination)
जब हम मरीज से चर्चा करते हैं, उसका परीक्षण करते हैं तो दो प्रमुख अवस्थाएं होती है। पहली अवस्था होती है मरीज से बातचीत, जिसको हिस्ट्री कहते हैं और हिस्ट्री के अंदर हम मरीज से सिम्टम्स के बारे में सुनते हैं। सिम्टम्स यानि लक्षण, मरीज को क्या लक्षण थे और दूसरी अवस्था होती है, जिसमें […]
इतिवृत्त (History)
एक प्रसिद्ध चिकित्सक पिछली शताब्दी में फ्रांस में हुए थे। कई लोगों ने उनका नाम सुना होगा, श्री लुइ पाश्चर। उनका एक कथन उद्धृत करना चाहूंगा – “मैं यह नहीं पूछता कि तुम्हारी जाति क्या है, तुम्हारा धर्म क्या है, नस्ल क्या है, विचारधारा क्या है, राष्ट्रीयता क्या है? मैं तो डॉक्टर के रूप में […]
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का निदान (Diagnosis)
सभी प्रकार के रोगों के निदान (डायग्नोसिस) में निम्न पायदान होती है (i) हिस्ट्री History (इतिवृत्त) मरीज और उनके घरवालों से कहा जाता है कि वे अपनी बीमारी की कहानी विस्तार से सुनाएँ। डाक्टर्स को चाहिये कि वे धैर्यपूर्वक पूरी बात ध्यान से सुनें। कुछ बाते अधुरी या अस्पष्ट लगें तो डॉक्टर द्वारा प्रश्न पूछे […]
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