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1.0 “संस्कृत कूप जल, भाषा बहता नीर” ऐसा कहा कबीर दास जी ने । इसी उक्ति पर वर्ष 1981 में समालोचनात्मक निबन्ध लिखा वरिष्ठ साहित्यकार श्री कुबेरनाथ राय ने । उन्होंने कहा “कबीर की कही हुई बात है, सही होनी ही चाहिये । कबीर थे बड़े दबंग और साफ़ दिल । लेकिन कबीर के पास […]