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“स्वस्थ मस्तिष्क को कैसे साधे?” “How to Sustain Brain Health?”

इस विषय को दो भागों में बांटा जा सकता है। 1. स्वस्थ मस्तिष्क को साधना, व्यक्तिगत स्तर पर। हर इंसान अपने खुद के लिए क्या कर सकता है? 2. समाज के स्तर पर। हम समाज के रूप में या हमारा शासन और हमारा प्रशासन सामुदायिक स्तर पर क्या कर सकते हैं? इसी लेख पर आधारित […]

जीवन क्या है (What is Life)? – 28 April 2025

मेरी मां से जब मैंने इस विषय पर बात करी तो वे कहने लगी महाभारत में यक्ष द्वारा युधिष्ठिर से जीवित मृत के मध्य भेद के बारे में और रामचरितमानस में तुलसीदास जी की इस अर्धाली को उध्रत किया “जीवित सव सम चौदह प्राणी”। मैंने कहा, मां मेरा विषय यह नहीं है। मैं वैज्ञानिक पहलूओं […]

मीडियावाला पर प्रेषित लेख

जनवरी 2023 से डॉ. अपूर्व पौराणिक ने ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ‘मीडियावाला’ पर एक साप्ताहिक कॉलम लिखना शुरू किया है –  “अपनी भाषा, अपना विज्ञान”। इसके अंतर्गत विज्ञान की विविध शाखाओं से सम्बंधित लेख रहते हैं। व कुछ समसामयिक महत्व के होते है। कुछ एतिहासिक और शाश्वत महत्व के होते है। Mediawala.in पर डॉ. अपूर्व पौराणिक […]

Dr. Apoorva Pauranik’s special conversation with Kamleshwar ji, the eminent pioneer of Hindi literature

नीचे दिया गया चर्चा का आलेख एआई (A.I.) द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित किया गया है। Dr. Pauranik: Shri Kamleshwar, an eminent name in the history of Hindi literature for roughly the last half-century. A leading figure in the Hindi story tradition, Shri Kamleshwar also makes creative interventions in the fields of electronic media and journalism. […]

हिंदी के मूर्धन्य अग्रणी साहित्यकार आदरणीय श्री कमलेश्वर जी से डॉ. अपूर्व पौराणिक की खास बातचीत

डॉ. पौराणिक:- हिंदी साहित्य के लगभग पिछली एक आधी शताब्दी के इतिहास में मूर्धन्य नाम श्री कमलेश्वर। हिंदी की कथा परंपरा के अग्रणी हस्ताक्षर, श्री कमलेश्वर जो कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी रचनात्मक हस्तक्षेप रखते हैं जिन्होंने अपने नेतृत्व में और अपने लेखनी से हिंदी साहित्य में दलित और समांतर परंपराओं […]

Australia – September 1995 – 2

Date 14 September 1995 morning इस यात्रा में अभी तक कोई रोटरी मीटिंग में भाग नहीं ले पाया परन्तु Friendship carvings मित्रता विनिमय के दो उदाहरण पूरे हुए। मेलबोर्न में डॉ. ऐलप फ्रायडे व कैंर्स में अब्दुल मोहम्मद के घर ठहरना मिला – भरपूर आतिथ्य के साथ। 1987 में GSE की अमेरिका की यादें कुछ […]

Australia – September 1995 – 1

प्रिय निप्पू और अनी। यह 5 सितम्बर की रात 10:15 बजे लिख रहा हूँ। श्यामा, दिलीप जी, प्रीति के साथ दो घंटे गपशप करते रहे। ऐसे फुरसत से बैठने के क्षण विरले ही मिलते हैं। अपने यहां इन्दौर में छुट्टी के दिन भी छुटकारा नहीं मिलता। भारत में कहीं घूमने जाते हैं, तो अनेक स्थान […]

Sydney – 1996

Cosmopolital है। अर्थात् अलग-अलग जाति, धर्म या देश के लोगों के चेहरे यहां देखे जाते हैं। चीन, जापान पूर्वी एशिया के लाखों लोग यहां भरे पड़े हैं। इतनी अधिक विविधता को भारत के महानगरों तक में ये देखने को नहीं मिलती। कहते हैं सिडनी के बाहर का आस्ट्रेलिया अलग है। कम भीड़ है। सूनापन है। […]

मारीशस – 2001 (परदेश में रात के ठिए की तलाश)

मारीशस में पहली शाम रामनवमी का दिन था। 2 अप्रैल 2001 शाम 7 बजे अंधेरा हो चुका था। मारीशस के दक्षिणी आकाश में टिमटिमा उठे थे। चांदनी छिटकी थी।रास्ता सुनसान था। हम चार (पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री) अकेले मंदिर जा रहे थे। मार्ग के एक और उजाड़ कच्ची जमीन व जंगली पौथे थे। दूसरी ओर […]

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