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मोहे श्याम रंग दै दे (त्वचा के रंग का विज्ञान)

कहने को तो “चमड़ी” महज “एक सतही चीज” है, लेकिन है गहन गम्भीर। उसका महत्व केवल Skin Deep नहीं है। किसी को देखते समय हमारी पहली नजर पर त्वचा पर पड़‌ती है। कहते हैं न “First impression – last impression. मेडिकल कालेज के प्रथम वर्ष में एनाटॉमी डिसेक्शन हाल में डेड-बाडीज का प्रथम दर्शन होते […]

Dr. Neerja Pauranik’s Visit to a meeting of La Leche League, Local BranchVictoria, BC, Canada

            I am sure most of us are aware of La Leche League International and its activities. Its vision is to realize, deepen and share the love and wisdom found in breastfeeding relationships. The organization helps mothers worldwide to breastfeed through mother-to-mother support, encouragement, information, and education and promotes better understanding of breastfeeding as an […]

पूर्ण सूर्य ग्रहण – नियाग्रा से (डॉ. अपूर्व पौराणिक की एक रिपोर्ट)

Watch YouTube Video: https://youtu.be/gs4W0oyqWNg [एक आर्टिस्ट की कल्पना]  अमेरिका और कनाडा के स्थानीय समयों के अनुसार पूर्ण सूर्यग्रहण का अद्‌भुत लोकप्रिय नजारा दिनांक 8 अप्रैल की अपरान्ह  गुजरा, और खूब गुजरा। लाखों लोगों ने प्रत्यक्ष दर्शन किये। करोड़ों ने इसे टी.वी., इन्टरनेट पर सजीव देखा। अरबों लोग आने वाले दिनों में इसके बारे में और […]

“भाषा बहता नीर” न्यूरोज्ञान व्याख्यान माला (तृतीय अंक)

1.0 “संस्कृत कूप जल, भाषा बहता नीर” ऐसा कहा कबीर दास जी ने । इसी उक्ति पर वर्ष 1981 में समालोचनात्मक निबन्ध लिखा वरिष्ठ साहित्यकार श्री कुबेरनाथ राय ने । उन्होंने कहा “कबीर की कही हुई बात है, सही होनी ही चाहिये । कबीर थे बड़े दबंग और साफ़ दिल । लेकिन कबीर के पास […]

“प्रकृति या परवरिश” न्यूरोज्ञान व्याख्यान माला (द्वितीय अंक)

राज कपूर की फ़िल्म “आवारा” में नायक गरीब घर से है लेकिन आदर्शवादी है । 1950 के दशक में “नया दौर” का जमाना था । 1975 तक आते-आते मोहभंग होने लगता है । राज कपूर द्वारा निर्मित “धरम करम” में रणधीर कपूर इस बात का प्रतीक है कि अच्छे बाप की संतान ही अच्छी होती […]

मेडिको – फ्रेन्ड सर्कल (एक पुरानी संस्था के बारे में)

“यह लेख 1980 के दशक में लिखा गया था । सन्दर्भ और परिस्थितियां कुछ बदले हैं, कुछ वैसे ही है” डॉक्टरों की जमात के बारे में आम आदमी के मन में क्या कल्पना उभरती हैं? यही न, कि वे समाज के सम्पन्न वर्ग के सदस्य होते हैं। वे जरुरतमंद गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं! वे निहायत […]

डॉ. आलिवर सॉक्स के साथ चाय पर गपशप

डॉ. आलिवर-सॉक्स चिकित्सक लेखकों की बिरली जमात के बिरले उदाहरण है । आपका जन्म 1933 में लन्दन में एक समृद्ध यहूदी परिवार में हुआ था । पिता जनरल प्रेक्टीशनर थे और माता प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ । ज्ञान, साहित्य, संगीत, प्राकृतिक अवलोकन और वैज्ञानिक प्रयोगों के लिये अदम्य भूख और तीक्ष्ण मेधा के चिन्ह […]

स्कूली छात्रों के लिए न्यूरोविज्ञान (Neuro-Science for School Kids)

जीव विज्ञान (Biology) के अंतर्गत न्यूरोविज्ञान का विशेष महत्व हैं। यह जरूरी है कि कक्षा 9 -12 ( हायर सेकेंडरी) के छात्रों को न्यूरोविज्ञान की रोचक व महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया जाए। इस हेतु डॉ. अपूर्व पौराणिक समय समय पर स्कूलों में व्याख्यान सत्र आयोजित करते रहे हैं। एक “न्यूरोविज्ञान-प्रदर्शनी” संगृहीत व संधारित (Curated […]

ड्रग ट्रायल्स के विरुद्ध दुष्प्रचार

जब टेलीविजन पर बालों के तेल की खूबियों का प्रचार होता है या ऋषिकेश की एक क्लीनिक में स्वनामधन्य आयुर्वैदाचार्य मिर्गी के शर्तिया इलाज के बारे में लाखों रूपयों के विज्ञापन अखबारों व पत्रिकाओं में छपवाते हैं (जो चिकित्सकों के लिये अन्यथा वर्जित है), जब पहलवानी भरा बदन बनाने के लिये शक्तिवर्धक केप्सूल बेचे जाते […]

साहित्य का न्यूरोविज्ञान (Neurology of Literature)

शेक्सपीयर और शारको उन्नीसवीं सदी के महान फ्रांसिसी न्यूरालॉजिस्ट शारको पेरिस के मुख्य अस्पताल सालपेत्रीर में कार्यरत थे। उनको मंगलवार व शुक्रवार के कक्षा-व्याख्यान पेरिस के चिकित्साजगत व अन्य भद्र लोक द्वारा अत्यन्त सम्मान के साथ सुने जाते थे। शारको के व्याख्यानों में शेक्सपीयर के अनेक उदाहरण मिलते हैं। नींद में चलने की बीमारी नींद […]

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