गूगल अनुवाद करे (विशेष नोट) :-
Skip to main content
 

DO’S AND DON’T (AFTER DELIVERY)


(1) आपको यह मानकर चलना है कि बच्चे की दुनिया आप है और आपकी दुनिया केवल बच्चा है।

(2) आपको हर तरह का सात्विक और हेल्दी भोजन करना है।

(3) खाने में कोई भी परहेज नहीं करना है। आपको केला खाना है, टमाटर खाना है, आपको नीबू की खटाई खाना हैं। संतरा खाना है। ऊगे हुए गेहूं, चने ये सारी चीज़े आपको खाना है। केला आपको नही दिया जायेगा पर कहे की आपके डॉक्टर ने कहा है कि केला हमे खाना है।

(4) केवल लोकी, गिल्की, दाल और रोटी खाने से आपकी खाने की पूर्ति नही होगी। नहीं तो, कब्जियत हो जायेगी।

(5) पानी, ये आपको भरपूर मात्रा में पीना है, कम से कम दो से ढाई लीटर। दूध पिलाने वाली माँओं को बहुत ज्यादा प्यास लगती है। डीहाड्रेशन हो जाता हैं। कई बार और ऐसे में दूध पिलाते समय अपने पास पानी की बोतल जरुर रखे साथ में।

(6) सादा पानी पी सकते हैं कोई जरुरी नही है आपको उबला हुआ, सोफ़ का, अजवाइन का, ऐसा ही पानी दिया जाये। जैसा पानी हमेशा पीते है वैसे पीजिये।

(7) कानों में रुई नहीं डालना चाइये। कानों पर पट्टी नही बांधना है। यह कहा जाता है तर्क दिया जाता है कि कानों से हवा घुसेगी, हवा तो आपके मुहं से भी घुस रही है, आपके नाक से भी घुस रही है। बिल्कुल डरिये मत। क्योंकि कानों पर पट्टी बांधने से बहुत गर्मी होती है और उससे आपको डीहाड्रेशन हो जाता हैं। कई बार डीहाड्रेशन के कारण आपका खून गाढ़ा हो जाता है। और वो नसों में जमने लगता है। और आपको नुकसान पहुँचा सकता है।

(8) जितना ज्यादा हो सके बच्चे को आपकी स्किन/चमड़ी से चिपका के रखना है पहले पंद्रह दिनों तक तो कम से कम स्किन टू स्किन कांटेक्ट बहुत जरुरी है, दूध की मात्रा को बढ़ाने के लिये। हम बच्चे को पूरा पत्तागोभी की तरह लपेट देते है । केवल उसका एक होठ या मुहं खुला रहता है। नाक खुली रहती है। जिससे स्किन टू स्किन कांटेक्ट नही होता है। जैसे कंगारू अपने बच्चे को चिपका के रखता है उसी तरह से आपको अपने बच्चे को चिपका कर रखना है और अपने पास सुलाना है।

(9) बच्चे को पालने/झूले में नही सुलाना है आपके पास ही चिपका कर सुलाना है।

(10) सबसे जरूरी बात। पहले पन्द्रह दिन कोई जरूरी नही आप बैठकर दूध पिलाये। अगर, आपकी नार्मल डिलीवरी हुई है तो नीचे टांके आते है जोकि, बैठने में बहुत तकलीफ देते है सिजेरियन हुआ है तो, पेट के टांके बहुत दर्द करते है। बेठने में जोर आता है। तो आप जितना हो सके लेट कर दूध पिलाये पन्द्रह दिन कम से कम, हाँ बाद में भी लेटकर पिलाना चाहें तो पिला सकती है।

(11) स्किन टू स्किन कांटेक्ट में बच्चे की नानी, दादी या बच्चे के पापा भी मदद कर सकते है।

(12) जहाँ तक हो सके बच्चे को खुद ही नहलाना, दुल्हाना, मालिश खुद ही करिये। आया बाई बगेरह को हाथ न लगाने दे तो अच्छा है।

(13) जॉनसन के बेबी प्रोडक्ट, हिमालय के बेबी प्रोडक्ट इनसे सबसे दूर रहिये। बच्चे की मालिश या तो आप मलाई जो जमती है उसके अन्दर जो पतली परत होती है। उससे आप कर सकते है। या फिर खुद का दूध अगर ज्यादा आ रहा हो, तो उसको भी इकट्टा करके मालिश आप कर सकते है। वो बहुत ताकतवर होता है।

(14) सात आठ दिनों तक जब तक बच्चे की नाल गिर नही जाती है उसको नहलाने की जरूरत नही है। थोड़ा बहुत स्पंजी कर लीजिये।

(15) पहले दिन केवल एक बार पेशाब करेगा बच्चा। दूसरे दिन और तीसरे दिन दो बार करेगा। और चोथे से वो चार पांच बार करेगा। इसकी चिंता बिल्कुल न करे। कि, बच्चे ने केवल एक बार पेशाब किया है।

(16) पहले दो दिन बच्चे का पेट बहुत छोटा होता है। उसकी केपिसिटी होती एक चैरी के बराबर। पांच या सात एम एल ही वो सहन कर पायेगा। जबरदस्ती तीस-तीस एम एल उसको पिला देते है। ऊपर का दूध। तो, कृपा कर ऐसा बिल्कुल न करें। बूंद बूंद जो केलोस्ट्रोंल आता है वही बच्चे के लिये फायदेमंद हैं।

(17) आपका कमरा साफ सुधरा होना चाहिये। उसमे अच्छी हवा आना चाहिये। उसमे सूरज की रौशनी होना चाहिये। अँधेरे कमरे में बिल्कुल नही रहना है। और अगर बहुत ज्यादा गर्मी है तो आप आराम से पंखा चला सकते है। या ए.सी. या कूलर चला सकते है। इसमें कोई हानि नही।

(18) बच्चे को दूध पिलाते समय मल्टीटास्किंग, (मोबाइल, इन्टरनेट) न करें।

(19) खूब खुश रहे, बच्चें से बाते करे, गाना, श्लोक, भजन गुनगुनायें, बच्चा बोल नहीं सकता, पर सबकुछ सुन रहा है।

(20) फ़ीडिंग ब्रा, फीडिंग गाउन का उपयोग न करें इससे स्किन टू स्किन कांटेक्ट नहीं होता, निप्पल में क्रेक की संभावना बढ़ जाती है।

(21) भूलकर भी बाँटल और निप्पल शील्ड का उपयोग न करें। इससे निप्पल कन्फ्यूजन होता है दूध की मात्रा घट जाती है। बाँटल बच्चे के लिये “पूतना” है, जो कृष्ण को नुकसान पहुँचाने आई थी।

***

<< सम्बंधित लेख >>

Skyscrapers
Travelogue: Macro to Micro (यात्रा वर्णन: वृहत् से सूक्ष्म तक)

फ़ोटो एवं वीडियों गैलरी देखने हेतु नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें तुर्तुक में बाल्टी संस्कृति का संग्रहालय Village…

विस्तार में पढ़िए
Skyscrapers
Village Scenes

Village Scenes – Photo Galleryhttps://neurogyan.com/bwg_gallery/village-scenes Village Scenes – Video Gallery

विस्तार में पढ़िए
Skyscrapers
फोटो एल्बम (Photo Album)

भूमिका युगल पुरूस्कार समारोह 2021 बुकमार्क्स के बहुविध उपयोग (Multiple uses of BookMarks) दृष्टि भ्रम / Visual Illusion पैरवी / …

विस्तार में पढ़िए
Skyscrapers
तुरतुक में बाल्टी संस्कृति का संग्रहालय

तुरतुक में बाल्टी संस्कृति का संग्रहालय – फ़ोटो एल्बमhttps://shorturl.at/49QqQ तुरतुक में बाल्टी संस्कृति का संग्रहालय – विडियो एल्बमhttps://youtu.be/LYfDyH1diAc

विस्तार में पढ़िए


अतिथि लेखकों का स्वागत हैं Guest authors are welcome

न्यूरो ज्ञान वेबसाइट पर कलेवर की विविधता और सम्रद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अतिथि लेखकों का स्वागत हैं | कृपया इस वेबसाईट की प्रकृति और दायरे के अनुरूप अपने मौलिक एवं अप्रकाशित लेख लिख भेजिए, जो कि इन्टरनेट या अन्य स्त्रोतों से नक़ल न किये गए हो | अधिक जानकारी के लिये यहाँ क्लिक करें

Subscribe
Notify of
guest
0 टिप्पणीयां
Newest
Oldest Most Voted
Inline Feedbacks
सभी टिप्पणियां देखें
0
आपकी टिपण्णी/विचार जानकर हमें ख़ुशी होगी, कृपया कमेंट जरुर करें !x
()
x
न्यूरो ज्ञान

क्या आप न्यूरो ज्ञान को मोबाइल एप के रूप में इंस्टाल करना चाहते है?

क्या आप न्यूरो ज्ञान को डेस्कटॉप एप्लीकेशन के रूप में इनस्टॉल करना चाहते हैं?