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मेरी प्रिय पुस्तकें (My Favourite Books)



डॉ. अपूर्व पौराणिक के द्वारा समय-समय पर पढ़ीं जाने वाली पुस्तकों में से कुछ चुनिन्दा शीर्षक और लेखक तथा उनके बारें में संक्षिप्त जानकारी या थोड़ी विस्तृत समीक्षा….

डॉ. अपूर्व पौराणिक द्वारा लिखित एक लेख – पढ़ो भारत पढ़ो

बांचे भारत Read India Read पढो भारत पढो

भारत में पढने की आदत को बढ़ावा देने की बहुत जरुरत हैं | भारतीय भाषाओँ, और ख़ास कर के हिंदी में पाठकों की कमी हैं | अन्य देशों और अन्य भाषाओं की तुलना में हिन्दी में कितनी पुस्तकें प्रकाशित होती हैं? कितनी संख्या में बिकती हैं? कितने पुस्तकालयों में पढ़ी जाती हैं? कितने विविध विषयों पर लिखी जाती हैं? उनका स्तर कैसा होता हैं? इन सभी प्रश्नों का उत्तर निराशाजनक मिलता हैं |

ज्यादा से ज्यादा लोग, भिन्न भिन्न विषयों पर अधिक से अधिक पढ़े, इस हेतु क्या किया जा सकता हैं?

यह वेब साईट, न्यूरोज्ञान इसी प्रयास का हिस्सा हैं |

1. लोगो के पास सामग्री होनी चाहिए| कंटेंट अच्छा होना चाहिए | यदि बूफे की टेबल पर पकवानों की विविधता हों तो उम्मीद बढ़ जाती हैं कि लोग कुछ न कुछ चखेंगे जरुर | शायद अच्छा लागेगा | और पाने की चाहत होगी | हमें अच्छे लेखकों द्वारा अधिकाधिक लेखन की दरकार हैं | लेखकों का सम्मान हो, चर्चा हो, बेहतर मार्केटिंग हो | लेखन प्रशिक्षण शिविर, वर्कशॉप हों |

2. पढ़ने की सामग्री अधिक मात्रा, अधिक विविधता और अधिक गुणवत्ता के साथ उपलब्ध कराने के लिए पुस्तकालयों की जरुरत हैं |

मोहल्ले मोहल्ले में छोटी और लाइब्रेरी होनी चाहिए | 

केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय तथा NGO और पारमार्थिक संस्थाओं को योजना बद्ध तरीके से पहल करना होगी | ये पुस्तकालय न केवल सम्रद्ध होंगे बल्कि पाठकों के लिए मित्रवत होंगे | सारी अलमारियां खुली हों | लोग घूम घूम कर दर्शन करें, ढूंढे, पन्ने पलटे, स्टूल या टेबल कुर्सी या सोफा पर पसर कर डूब जायें |

कम शुल्क पर सदस्यता मुहीम चले |

सदस्यों को अतिरिक्त सुविधायें मिलें | किताब घर जाने को मिले |

3. पाठक समुदायों Readers Club को प्रोत्साहन दिया जावे | ये संगठन समय समय बैठकें करें, किसने क्या पढ़ा, इस पर चर्चायें हो, इन मीटिंग के समाचार छापने में, मीडिया सहयोग दे | अच्छा पढ़कर उस बारें में बोलने व लिखने वालों की समय समय पर स्पर्धायें हो और इनाम बांटे जावें |

4. प्रकाशकों व लेखकों को प्रोत्साहन व समर्थन देने के लिये शासन स्टार पर नीतिगत सुधार किये जावे

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