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जानूँ कि न जानूँ

62 बरस की जानकी बाई घूंघट में अपने साथ में पति, जेठ और सास के साथ आई थी। जेठ ने बात शुरू की ।“सर! ये दिमाग का एम.आर.आई. कराया है इसे देखो|” “इसे मैं पांच मिनिट बाद देखूंगा। क्या तकलीफ है जानकी देवी। ये घूंघट हटा लीजिए।” जेठ और पति को पीछे हटना पड़ा। बड़ी मुश्किल से आधा घूंघट […]

चाबी भरा खिलौना

चटखारे / (स्वचलन /ऑटोमेटिज्म) छुट्टी के दिन माँ के बनाए पकौड़ों की खुशबू से घर महक उठा था। सब छक कर खा रहे थे। अँगुलियाँ चाट रहे थे। विनय माँ का खास लाड़ला था। सातवी की परीक्षा में कक्षा में प्रथम आया था। स्कूल की कबड्डी टीम का कप्तान था। सप्ताह के शेष दिनों में […]

भूत पांव

सुदर्शन, 66 वर्ष ने जब मेरे चैम्बर में प्रवेश करा तो उसकी चाल में थोड़ी सी लचक थी । मैंने उसे अपनी कहानी सुनाने को कहा।‘सर मेरे बाये पांव में दर्द है। घुटने के नीचे।” ड़ अप; को कहा ।‘‘पूरी बात बताओ’ सुदर्शन ये रिहर्सल कई बार कर चुका था| उसने बिना मेरे प्रश्नों के […]

डॉक्टर मरीज़ संवाद – रोग की कहानी जानने की कला

डॉक्टर्स का माइंड कैसे काम करता है?एम. वाय. अस्पताल की मेरी न्युरोलोजी ओपीडी में बहुत भीड़ रहने लगी थी, इसलिये सप्ताह मे एक अतिरिक्त दिन मैंने हेडेक क्लिनिक शुरु की थी, जिसमें केवल सिर दर्द के मरीज़ देखे जाते थे । सिर दर्द बहुतायत से देखे जाने वाली अवस्था है । अधिकांश मामलों में रोग […]

पैसा पैसा पैसा

श्रीचंद्रजी अग्रवाल की माणकचौक में मिठाई की पुरातन दुकान थी। उनकी बड़ी साख थी। ऊंची दुकान, ऊंचा पकवान | दाम एक दम सही| माल पूरा शुद्ध । सबको मिठाई खिलाते थे / स्वयं नहीं खाते थे। नियम संयम से रहने वाले | कोई लत या एब नहीं । रोज एक घंटा तेज गति से चलने और आधा घण्टा योग | संगीत का शौक […]

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