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हिन्दी में विज्ञान पत्रकारिता

1.0 परिभाषाएँ 1.1 विज्ञान विशिष्ट ज्ञान ज्ञान को प्राप्त करने, बढ़ाने, वृद्धि करने तथा पुष्टि करने की विशिष्ट विधियाँ, जिनकी शुरूआत किसीपरिकल्पना या सिद्धान्त से हो सकती हैं और फिर प्रयोगों और अवलोकनों द्वारा निष्कर्ष निकाला जाताहै। अनेक अवसरों पर अवलोकनों या डाटा से शुरूआत होती है और उसमें निहित फेक्ट्स द्वारा सिद्धान्त या परिकल्पनाओं […]

एक को धारूँ या सबको (विशेषज्ञता के बहाने)

एक को धारूँ या सब को। कुछ खास बीमारियों का विशेषज्ञ रहूँ या सब की सुधि रखूँ? होऊँ या न होऊँ? एक शाश्वत प्रश्न है। पुरानी दुविधा है। हर युग में नए रूप धरकर आती है। विशेषज्ञ होने के नाते या यूँ कहूँ ज्ञान के एक सीमित क्षेत्र में अधिकाधिक सीखने की अंदरूनी ललक के कारण यह […]

हिंदी माध्यम में चिकित्सा शिक्षा की चुनौतियाँ

 डॉक्टर और मरीज – तेरी भाषा मेरी भाषा वर्ष 2003 में मेरा पुत्र निपुण मुम्बई के सेठ जी.एस. मेडिकल कालेज (के.ई.एम. अस्पताल) में एम.बी.बी.एस अन्तिम वर्ष का छात्र था । मैं मिलने गया था । मेरी व उसके मित्रों की इच्छा थी की मैं उनकी एक अनौपचारिक क्लीनिकल क्लास लूँ जिसमें मरीजों से उनकी बीमारी […]

डॉ. हरिवंशराय बच्चन : जीवन और कृतित्व

डॉ हरिवंश राय बच्चन एक हीरे के समान थे। हीरे के अनेक फलक होते हैं। अनेक मुख या चेहरे या सतहे होती है। प्रत्येक फलक की अपनी आभा होती है। बच्चन जी की प्रतिभा के बहुतेरे रूप थे। प्रत्येक पहलू श्रेष्ठ से श्रेष्ठतर। वे सचमुच सरस्वती पुत्र थे। वैसे सांसारिक जीवन में उनकी मां का […]

पतंग और मांझा – पतंग को काटो पर ऊंगलियों को नहीं

पतंग दुनिया के बहुत से देशों में उडाई जाती है परन्तु लडाका पतंग (फाइटर काइट्स) केवल भारत और अपने उपमहादवीप के पडोसी देशों जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में लोकप्रिय है। दो पतंगों के पेंच की लडाई में दूसरी पतंग की डोर को काट कर गिराने के खेल का आनन्द और रोमांच उसमें भाग लेने वाले ही […]

क्या आज के राजनेता देश की प्रगति में बाधक हैं ?

पुरानी संस्कृत कहावत है- यथा राजा, तथा प्रजा। जैसा राजा, वैसी जनता। जैसे नेतृत्व, वैसे लोग। गांधी तिलक और सुभाष जैसे नेता जब थे, तो देश उनके पीछे चल पड़ा था। मर मिटने की भावना थी। त्याग था। आदर्श थे। गुलामी से मुक्ति दिलाई थी। और आज के नेता- आया राम, गया राम। बोफार्स काण्ड। चारा काण्ड। यूरिया काण्ड। कैसे-कैसे […]

हिन्दी में विज्ञान लेखन में चुनौतियां

हिन्दी में विज्ञान विषयों पर लिखने वाले को सदैव इस समस्या का सामना करना पड़ा है कि या तो वे भाषा व ज्ञान को अति सरलीकृत रखें और विषयवस्तु की गुणवत्ता व मात्रा दोनों की बलि चढ़ा दें या फिर सचमच में कुछ गम्भीर व विस्तृत व आधुनिक लिखें, फिर चाहे ये आरोप क्‍यों न लग […]

हिन्दी में चिकित्सा विज्ञान पत्रकारिता

हिन्दी में चिकित्सा विज्ञान पत्रकारिता करने वालों को सदैव इस समस्या का सामना करना पड़ा है कि या तो वे भाषा व ज्ञान को अति सरलीकृत रखें और विषयवस्तु की गुणवत्ता व मात्रा दोनों की बलि चढ़ा दें या फिर सचमुच में कुछ गम्भीर व विस्तृत व आधुनिक लिखें, फिर चाहे ये आरोप क्यों न […]

फ्लोट – प्लेन / सी प्लेन

इनका नाम सुना था। चित्र और फिल्म देखे थे। यलोनाइफ में पहली बार बैठने का, उठने का मौका मिला। संयोग की बात थी कि ऐन मौके पर हमें 2 सीट खाली मिल गई – मुफ्त में। 15 मिनट की लघुउड़ान थी, पर आनंद मिला मिला। एक अनुभव था। रोज की भांति हम साइकिल पर घूम […]

कनाडा में इनुक्शुक की किवंदती

कनाडा के बर्फीले ठंडे विरान घूर उत्तरी प्रांतों में यहां-वहां पत्थरो को जमा कर, रखकर मानव आकृति के छोटे या बड़े पुतले जगह जगह नजर आते हैं। इन्हें इनुक्शुक कहते हैं। यहां के मूल निवासियों की एक प्रजाति ‘इनुइत’ लोगों की भाषा में इस शब्द का अर्थ है – ‘इंसान की नकल’। ध्रुविय प्रदेशों के […]

न्यूरो ज्ञान

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