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खोपड़ी का एक्सरे साइड से और सामने से। इस प्रकार रीढ़ की हड्डी का भी प्लेन एक्सरे लिया जाता है। जब से सीटी स्कैन व एम आर आई की जांचे चालू हुई है, तब से इन सादे एक्स-रे की उपयोगिता बहुत कम रह गई है। फिर भी कुछ गिने-चुने मामलो में डॉक्टर यह एक्स-रे की जांचे करवाने को कहते हैं। जैसे यदि किसी मरीज का एक्सीडेंट हुआ है और सिर में या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है तो प्लेन एक्सरे जरूर करवाया जाता है। इलाज की दृष्टि से शायद उतना जरूरी ना हो लेकिन कानूनी पूछताछ में जब जज या वकील प्रायः इस एक्स-रे के बारे में पूछते हैं, इसलिए कई बार डॉक्टर यह एक्स-रे करवाते हैं। यह सादा एक्स-रे खोपड़ी, रीढ़ की हड्डी, हड्डी के विभिन्न भागों का एक सीमित उपयोगिता के साथ आज भी महत्वपूर्ण है।