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सत्य के चेहरे (बतायें या न बताएँ ?) – एकांकी

(मिर्गी के मरीजों और परिजनों के साथ डॉक्टर की मीटिंग) डॉक्टर – मित्रो! आज हमने चर्चा की कि मिर्गी के पीड़ित व्यक्ति की शादी हो सकती है, उनके यौन संबंध सामान्य होते हैं, वे अच्छे माता-पिता बनेंगे, बच्चों की अच्छी परवरिश कर पाएँगे उनके बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा होगा, बच्चों में मिर्गी रोग के होने की आशंका बहुत कम होगी ? और […]

कथा – एक लक्ष्मी

मेरी क्लिनिक में अगली मरीज थी लक्ष्मी। उम्र शायद बीस वर्ष होगी | सामान्य कद काठी। सांवला रंग। थोड़ी सी गम्भीर, सहमी और डरी हुई लग रही थी। अपनी मां और भाई के साथ आई थी। कॉलेज में पढ़ती थी। मैंने पूछा- क्या हुआ? मां बोली ‘डॉक्टर साहब एक सप्ताह पहले अचानक सुबह नाश्ता करते समय इसे पता नहीं […]

नकलची हाथ

मोहम्मद सादिक का स्कूटर चलाते समय एक्सीडेन्ट हो गया था। सिर के बल गिरा था। मामूली चोंट आई थी। तब से हल्का सिरदर्द और चक्कर बने रहते थे। लगभग एक हफ्ते पहले की बात थी। दुर्घटना के मरीजों की हिस्ट्री लेते समय महत्वपूर्ण होता है यह पूछना और जानना कि कैसे हुआ? क्यों हुआ? क्‍या परिस्थितियाँ थीं? वकील डॉक्टर, जासूस […]

चेहरा ये खो जायेगा

जाने पहचाने अजनबी डॉक्टर्स की मीटिंग में सैंकड़ों लोगों से मिलना हो रहा है । “नमस्ते सर ! आप कैसे हैं” एक युवक ने मुझसे पूछा । “बहुत अच्छा, तुम कैसे हो?” “फाइन सर” मेरे चेहरे का भाव उसने पढ़ा । “सर, आपने पहचाना नहीं मुझे ?” “हाँ..हाँ..पहचान तो रहा हूँ…” इतने में तीसरे ने […]

माँ यह हंसने का समय नहीं है

“है भगवान, मैंने पहले ही कहा था, वही हुआ, माँ को नहीं लाना चाहिए था, वो हंस रही है, मैं उनका हाथ दबाकर, कान में फुसफुसाकर कहे जा रही हू, माँ यह हँसने का समय नहीं है, उसे रोको” लेकिन माँ की हंसी ‘कुछ क्षण रुक कर बार बार आने लगी। बहु सुनीता ने गायत्री देवी का […]

आधी दुनिया गायब

द्वारका प्रसाद जी को 73 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ा था । एन्जियोप्लास्टी या बायपास की जरुरत नहीं समझी गयी थी। डॉट व डर के कारण कुछ सप्ताहों तक सावधानियां बरती, बीडी बन्द करी, शुगर व ब्लडप्रेशर नियंत्रण में रखें, मुश्किल से ही सही, रोज (सिर्फ) 4 कि.मी. चलने लगे, रुखा-सुखा बेस्वाद भोजन (बिना शक्कर, नमक-मसाला, तेल, घी के […]

आप लिखें, खुदा बांचे

मैं अनपढ़ तो न था, काला अक्षर भैंस बराबर मालवा केसरी के प्रधान सम्पादक नृपेन्द्र कोहली गजब के पढ़ाकू हैं। उनकी लाइब्रेरी में हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेजी की लगभग 10000 किताबें हैं। दसियों अखबार और पत्रिकाएँ रोज पढ़ते हैं । सम्पादकीय व अन्य लेख लिखते हैं। पांच पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। पढ़ने की गति इतनी तेज कि […]

भटका हुआ दुध वाला (कल आज और कल)

घनश्याम दूध वाले का धंधा अच्छा चलता था। मदनपुर के अनेक मोहल्लों और आसपास के गांव का चप्पा चप्पा मोटर बाइक पर घूमना और दूध बांटना था। गोरा चिट्टा गोल चेहरा, घुंघराले बाल, चमकीली आंखें, घनी मूँछे, गठीला कसरती बदन, मुख पर सदा मुस्कान रहती थी। उसके ग्राहक, ग्राहक कम दोस्त ज्यादा थे। खूब हंसी मजाक करता था। 20 वर्ष की उम्र […]

चाबी भरा खिलौना

चटखारे / (स्वचलन /ऑटोमेटिज्म) छुट्टी के दिन माँ के बनाए पकौड़ों की खुशबू से घर महक उठा था। सब छक कर खा रहे थे। अँगुलियाँ चाट रहे थे। विनय माँ का खास लाड़ला था। सातवी की परीक्षा में कक्षा में प्रथम आया था। स्कूल की कबड्डी टीम का कप्तान था। सप्ताह के शेष दिनों में […]

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