
“यह लेख 1980 के दशक में लिखा गया था । सन्दर्भ और परिस्थितियां कुछ बदले हैं, कुछ वैसे ही है” डॉक्टरों की जमात के बारे में आम आदमी के मन में क्या कल्पना उभरती हैं? यही न, कि वे समाज के सम्पन्न वर्ग के सदस्य होते हैं। वे जरुरतमंद गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं! वे निहायत […]